प्राथमिक शाला में मुख्यमंत्री जतन योजना मद के तहत निर्माण कार्य में किया जा रहा बंदरबांट, इंजीनियर नही करते मॉनिटरिंग

इमरान खान की रिपोर्ट
बिलासपुर— —– सरकार द्वारा बच्चों की सुरक्षा व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए करोड़ों रुपये की बजट जारी किया गया था ताकि जिन स्कूलों में मरम्मत की जरूरत हैं वहा मरम्मत करके कार्य पूर्ण कर लिया जाये और बच्चों को बेहतर परिवेश के साथ सुरक्षित रूप से स्कूलों में अपना अध्यापन कार्य पूर्ण कर सके लेकिन शासन द्वारा मिली राशि का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है l
बिलासपुर जिले के कोटा विकाखंड में मुख्यमंत्री जतन योजना मद से मरम्मत योग्य स्कूल भवनों की जानकारी लेकर कई स्कूल भवनों के मरम्मत कार्य के लिए राशि स्वीकृत की गई। मरम्मत कार्य के लिए मिली राशि में बंदरबॉट करने के चलते कई जगहों पर मानक अनुसार कार्य नहीं कराए जा रहे है। शालाओं में कराए जा रहे मरम्मत कार्य की गुणवत्ता को देखने कोई जिम्मेदार अधिकारी व इंजीनियर नहीं पहुंच रहे है जिसके चलते ही गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को बढ़ावा मिल रहा है। जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत कोटा के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला गंगासागर में वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत स्कूल के मरम्मत कार्य के लिए लाखों की राशि स्वीकृत की गई और इस योजना के तहत कार्य कराने के लिए निर्माण एजेंसी ग्रा.यांत्रिकी. से.विभाग को बनाया गया। स्कूल में रिपेयर के लिए 2 लाख 90 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई। यहाँ रिपेयर कार्य के लिए स्वीकृत राशि से कार्य को जैसे तैसे कराया जा रहा है। स्कूल की दीवार में दरार हैं जिसे नजरअंदाज करके उस दीवाल के ऊपर पहले तो आड़ा तिरछा नया दीवाल खड़ा किया गया। इसके बाद इस दीवाल के ऊपर छत की ढलाई कर दी गई है। उक्त स्वीकृत कार्यों में जमकर भ्रष्ट्राचार किया जा रहा हैं जैसे तैसे कार्य को पूरा किया जा रहा है मरम्मत कार्य में गुणवत्ता का अभाव देखा जा रहा है। इस योजना के तहत प्राथमिक,माध्यमिक व हाईस्कूल के शौचालय छत मरम्मत के लिए रूपये स्वीकृत की गई है कई जगहों पर काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है वहीं कई जगहों पर अभी कार्य चल रहा है तो कुछ जगहों पर कार्य पूर्ण होने को है। ठेकेदार के द्वारा मनमाने तरीके से मरम्मत कार्य करा दिया जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी गुणवत्ता देखने तक नही पहुंच रहे है।
अधिकारी कर रहे गुणवत्ता के साथ खिलवाड़
सरकार नैनिहाल के भविष्य और उनकी सुरक्षा के लिए स्कूल मरम्मत के लुए लाखों रुपये जिला प्रशासन को प्रदान की लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसकी गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं अब देखने वाली बात है कि घर बैठे एस्टीमेट बनने वाले इंजीनियर और भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार व प्रशासन क्या कार्रवाई करती हैं l
मनीष यादव इंजीनियर कोटा —- मरम्मत कार्य के लिए जो राशि आई है उसमें छत की ढलाई हो गई है।जहां-जहां दरार है उसे मरम्मत किया जाएगा।
